Advent of Europeans in India in hindi | यूरोपीय कंपनियों का आगमन
यूरोपीय देशों का भारतीय उपमहाद्वीप में आगमन 15वीं शताब्दी के अंत में शुरू हुआ और 17वीं शताब्दी तक जारी रहा। सबसे पहले 1498 में पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा ने कालीकट (कोझिकोड) में कदम रखा, इसके बाद डच, अंग्रेज, डेनिश और फ्रांसीसी व्यापारी भारत आए। इन सभी देशों ने भारत में अपने व्यापारिक चौकियाँ और उपनिवेश स्थापित किए, जिससे भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा। Advent of Europeans in India in hindi |यूरोपीय कंपनियों का आगमन-
- पुर्तगाली (Portuguese)
- डच (Dutch)
- अंग्रेज (British)
- डेनिश (Danish)
- फ्रेंच (French)
पुर्तगाली
- 1498 ईस्वी में वास्कोडिगामा (पुर्तगाली यात्री) भारत के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह कालीकट पहुंचा वहां का शासक जमोरिन था।
- 1505 ईस्वी में फ्रांसिस्को-डी-अलमीडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया एवं 1509 ईस्वी में अल्फांसो-द- अल्बुकर्क वायसराय बना।
- अल्बुकर्क ने 1510 ईस्वी में बीजापुर के युसूफ आदिल शाह से गोवा जीता। कोचीन में पुर्तगालियों ने अपनी व्यापारिक कोठी खोली।
डच
- भारत आने वाला पहला डच कार्नेलियस हाउटमैन था। भारत में अंतिम रूप से डचो का पतन 1759 ईस्वी में अंग्रेजों के साथ हुए बेदरा के युद्ध से हुआ।
ब्रिटिश
- 1600 ईस्वी में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार पत्र प्रदान किया। पहला गवर्नर थॉमस स्मिथ था।
- मुगल दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिंस था जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में 1608 ईस्वी में जहांगीर के दरबार में आया था।
- 1611 ईस्वी में दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मसूलीपट्टनम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की। हॉकिंस ने सूरत में व्यापारिक कोठी स्थापित करने की अनुमति मांगी, किंतु पुर्तगालियों के विरोध के कारण 1613 ईस्वी में जाकर सूरत में फैक्ट्री की स्थापना हो सकी।
- 1615 ईस्वी में सम्राट जेम्स प्रथम ने सर थॉमस रो को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में भेजा।
फ़्रेंच
- भारत में फ्रांसीसियों ने प्रथम कोठी सूरत में 1688 ईस्वी में स्थापित की, इसकी स्थापना फैको कैरो ने की। 1674 ईस्वी में फ्रांसीस मार्टिन ने पांडिचेरी की स्थापना की।
- भारत में अंग्रेजी एवं फ्रांसीसी व्यापारिक कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा को 'कर्नाटक युद्धो' की संज्ञा दी जाती है।
- इस प्रतिस्पर्धा में इंग्लैंड ने सर आयरकूट के नेतृत्व में 'वंडीवाश के युद्ध' (1760 ईस्वी) में फ्रांसीसियों को निर्णायक रूप से पराजित किय।
भारत में यूरोपीय कंपनियाँ
यूरोपीय कंपनी | आगमन की तिथि | पहला व्यक्ति | आगमन का वर्ष | पहली फैक्ट्री का स्थान | फैक्ट्री स्थापना का वर्ष |
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पुर्तगाली (Portuguese) | 1498 | वास्को डी गामा | 1498 | कालीकट (कोझिकोड) | 1502 |
डच (Dutch) | 1602 | जकब वान न्यूस | 1602 | मसुलीपट्टनम | 1605 |
अंग्रेज (British) | 1600 | सर थॉमस रो | 1600 | सूरत | 1613 |
डेनिश (Danish) | 1616 | ट्रेडिंग कमीशनर | 1616 | त्रांकेबार (तारंगम्बाड़ी) | 1620 |
फ्रेंच (French) | 1664 | जीन बैप्टिस्ट कॉल्बर्ट | 1664 | सूरत | 1668 |
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