स्वतंत्रता के बाद प्रारंभिक दौर (India After Post-Independence)

 स्वतंत्रता के बाद प्रारंभिक दौर


स्वतंत्रता के बाद प्रारंभिक दौर (India After Post-Independence)


  • 15 अगस्त सन 1947 को भारत ने एक नई सुबह के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की और अनगिनत वीर सपूतों के प्रति श्रद्धा और कृतिका अर्पित की लेकिन भारत विभाजन के रूप में भारत को गहरा घाव भी मिला। इसके साथ ही अनेक भारतीय रियासतों को भारत में सम्मिलित करना भी यह चुनौती थी। 
  • 15 जून 1947 को अखिल भारतीय कांग्रेस की सभा हुई जिसमें यह तय किया गया के स्वतंत्रत भारत के अंदर किसी भी राज्य के स्वतंत्र अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 
  • 5 जून 1947 को सरदार पटेल को "भारतीय राज्य विभाग" का प्रमुख बनाया गया। 
  • सरदार पटेल और माउंटबेटन की सलाह पर कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्यों ने 25 जुलाई 1947 को भारतीय संघ में सम्मिलित होना स्वीकार कर लिया। 
  • देशी राज्यों को भारत सरकार ने राष्ट्रीय भारतीय संघ में दो तरीके से मिलाया -
    • छोटे देशी राज्यों को या तो सीधे केंद्र सरकार के द्वारा शासित किया गया या फिर पड़ोसी प्रांत में सम्मिलित किया गया। 
    • कई छोटे-छोटे देशी राज्यों को बड़े प्रशासनिक इकाई में परिवर्तित कर दिया गया जैसे मत्स्य संघ राज्य (18 मार्च 1948 ),काठियावाड़ संघ राज्य (15 फरवरी 1948 ),मध्य भारत संघ (28 मई 1948 ),पटियाला और पूर्वी पंजाब (15 जुलाई 1948 )
  • नवंबर 1949 के अंत तक भारत का एकीकरण लगभग पूर्ण हो गया था। केवल हैदराबाद और कश्मीर राज्य रहे गए थे। 
  • 13 सितंबर 1948 ई को हैदराबाद के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई की गई पर, इसे पुलिस कार्रवाई का नाम दिया गया। 
  • 18 सितंबर को हैदराबाद की सेना ने समर्पण कर दिया 26 जनवरी 1950 ई को विधिपूर्वक हैदराबाद राज्य को भारतीय संघ में सम्मिलित कर लिया गया। 

भारत का गणतंत्र राज्य बना

  • संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के प्रावधानों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों के विधान सभाओं द्वारा नवंबर 1946 में किया गया था। 
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिसमें 292 प्रांतो से तथा 93 देसी रियासतों से चुने जाने थे। चार कमिश्नरी क्षेत्र से थे। 
  • 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया। 
  • श्री बी एन राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया। 
  • 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का कार्य करना प्रारंभ किया। यह प्रस्ताव संविधान सभा द्वारा 22 जनवरी 1947 को पारित कर दिया। 

प्रारूप समिति का गठन

  • विभिन्न समितियां में से प्रमुख प्रारूप समिति ड्राफ्टिंग कमेटी जो की 19 अगस्त 1947 को गठित की गई थी, का अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर को बनाया गया। इस समिति के अन्य सदस्य थे- एन गोपालस्वामी, आयंगर, अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर, मोहम्मद सादुल्ला, के  एम मुंशी, बी एल मित्तर  और डी पी खेतान। कुछ समय पश्चात बी एल मित्तर के स्थान पर और एन माधव राव को तथा डी पी खेतान की मृत्यु (1982 में) हो जाने के पश्चात टी टी कृष्णमाचारी को इस समिति में सम्मिलित कर लिया गया। 
  • 3 जून 1947 की योजना के अधीन पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा गठित की गई। 
  • विभाजन के परिणामस्वरूप जो संविधान सभा पूर्व में अविभाजित भारत के लिए संगठित की गई थी उसमें से कुछ सदस्य काम हो गए। 31 अक्टूबर 1947 को सभा की सदस्यता घटकर 299 रह गई। इन सदस्यों में से 26 नवंबर 1949 को कुल 284 सदस्य उपस्थित थे जिन्होंने संविधान हस्ताक्षर किए। 
  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन में किया गया था। 
  • 26 नवंबर 1949 को ही अंतिम पारित संविधान पर सभापति तथा उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर  हुए। उसी दिन संविधान सभा ने भारत संविधान को अंगीकार कर लिया। 
  • नागरिकता, निर्वाचन और अंतरिम संसद से संबंधित उपबंधों को तथा अस्थाई एवं संक्रमण उपबंधों को 26 नवंबर 1949 से ही तुरंत प्रभावित किया गया। 
  • संपूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र घोषित किया गया इसलिए इसी दिन प्रथम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया गया। डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। संविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय संसद के रूप में मान्यता प्रदान की गई। 

TAGS: india after independence,india after independence in hindi,india after independence upsc,india after independence explanation,india after independence full chapter,india after independence full chapter class 8 history,india after independence documentary,class 8 history chapter india after independence,psc india after independence,india after independence class 8,india after independence bipan chandra,भारत की स्वतंत्रता के बाद का इतिहास

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने