भारत के वायसराय (Viceroys of India)

भारत के वायसराय (Viceroys of India)

1858 के बाद, जब भारत सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आया, तब गवर्नर-जनरल का पद वायसराय के साथ जोड़ दिया गया, जिससे वे ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि बन गए जो 1858 से 1947 तक भारत में शासन करते थे। वे भारत के गवर्नर-जनरल भी थे, और उनके पास ब्रिटिश सरकार की ओर से भारत के प्रशासन और नीतियों का संचालन करने की पूर्ण शक्ति थी। 

भारत के वायसराय (Viceroys of India)


लॉर्ड कैनिंग (1858-62 ई0)

  • सन 1857 ईस्वी के महान विद्रोह के बाद प्रशासनिक सुधार के अंतर्गत भारत का शासन कंपनी के हाथों से सीधे ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया तथा गवर्नर जनरल क्राउन के प्रतिनिधि वायसराय कहे जाने लगे। 
  • कैनिंग जो 1856 ईस्वी में गवर्नर जनरल बनकर आया था, 1858 ई0 से प्रथम वायसराय के रूप में भी जाना जाता है। इसके काल में कंपनी एवं ब्रिटिश राज्य की सेना को एक में मिला दिया गया। आयकर लगाए जाने लगा, विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया।
  • मैकाले द्वारा प्रारूपित दंड संहिता को 1858 ईस्वी में कानून का रूप दिया गया तथा 1859 ईस्वी में अपराध विधान-संहिता (सीपीसी) लागू की गई। 

लॉर्ड एल्गिन (1862-63 ई0)

लॉर्ड लॉरेंस (1864-69 ई0)

  • इसके शासनकाल में भूटान के खिलाफ युद्ध हुआ। 
  • उड़ीसा में अकाल आयोग का गठन किया गया। 
  • अफगानिस्तान के मामले में स्पष्ट अहस्तक्षेप की नीति जिसे "शानदार निष्क्रियता" के नाम से जाना जाता है, अपनाया गया। 

लॉर्ड मेयो (1869-72 ई0)

  • इसके कार्य में महारानी विक्टोरिया के द्वितीय पुत्र जो एडिनबर्ग के ड्यूक भी थे भारत आए। 
  • वित्तीय विकेंद्रीकरण लागू किया गया। 
  • 1972 ईस्वी में लॉर्ड मयों की चाकू मार के हत्या कर दी गई। 

लॉर्ड नार्थबुक (1872-76 ई0)

  • इसके काल में बड़ौदा के गायकवाड को सत्ता से हटा दिया गया। 
  • आयकर को समाप्त कर दिया गया। 
  • 1873 से 1874 ईस्वी में बिहार एवं बंगाल में दुर्भिक्ष पड़ा। 
  • सन 1875 इसी में प्रिंस ऑफ वेल्स ने भारत भ्रमण किया। 
  • ब्रिटिश प्रधानमंत्री डिजरैली ने अफगान सरदार शेर अली से संधिवार्ता हेतु जोर दिया। अतः इसने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। 

लॉर्ड लिटन (1876-80 ई0)

  • इसके काल में द्वितीय एंगलो अफगान युद्ध 1876 से 1880 ई हुआ क्योंकि लिटन अग्रगामी नीति अपनाने का समर्थक था। 
  • सन 1876 से 1878 ईस्वी में मुंबई तथा मद्रास में भीषण दुर्भिक्ष पड़ा तथा एक अकाल आयोग का गठन हुआ। 
  • इसके काल में रेल, सड़क एवं नहरो का बड़े पैमाने पर निर्माण हुआ। 1 जनवरी 1877 ई को महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी तथा "केसरी हिंद" की उपाधि देने के लिए शानदार प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया। 
  • प्रांतीय सरकारों को एक निश्चित राशि के बदले राजस्व वसूली के हिस्से के आधार पर अनुदान दिए जाने की व्यवस्था हुई। 
  • 1878 ईस्वी में देशी भाषाओं में छपने वाले समाचार पत्रों पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाने हेतु "वर्नाकुलर प्रेस एक्ट" लागू किया। 
  • सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु 21 वर्ष से घटकर 19 वर्ष कर दी गई। 
  • लिटन विद्वानों के बीच ओवन मेरेडिथ के नाम से जाना जाता था। 

लॉर्ड रिपन (1880-84 ई0)

  • लॉर्ड रिपन भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय वायसराय था, जिसने अफगान युद्ध को समाप्त कर दिया। 
  • 1882 ईस्वी में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट को खत्म कर दिया। 
  • सिविल सेवा परीक्षा में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु 19 वर्ष से बढ़कर पुन 21 वर्ष कर दी। 
  • लॉर्ड मयो की आर्थिक स्थानांतरण की नीति को पुन शुरू किया। 
  • 1818 ईस्वी में बाल श्रमिकों के कल्याण हेतु प्रथम फैक्ट्री एक्ट लागू किया गया। स्थानीय स्वशासन व्यवस्था आरंभ की गई। 
  • 1882 ईस्वी में विलियम हंटर की अध्यक्षता में एक शिक्षा आयोग का गठन किया गया। 
  • मैसूर राज्य की स्थापना की तथा उसके शासन के रूप में पूर्व राजवंश की स्थापना की। उसने यूरोपीय के विरुद्ध भारतीय न्यायाधीशों द्वारा मुकदमे की सुनवाई के लिए प्रथम बार "इल्बर्ट विधेयक" लाया लेकिन यूरोपवासियो के प्रबल प्रतिरोध के कारण इसे वापस लेना पड़ा। 
  • 1881 ईस्वी में प्रथम बार नियमित जनगणना आरंभ हुई। 

लॉर्ड डफरिन (1884-88 ई0)

  • इससे काल में तृतीय आंग्ल वर्मा युद्ध हुआ तथा 1886 ईस्वी में वर्मा का अंतिम रूप से अधिग्रहण कर लिया गया। 
  • ग्वालियर पर सिंधिया के शासन की पुनर्स्थापना हुई। 
  • 1885 में बंगाल काश्तकारी कानून बनाया गया। 1887 ई के पंजाब कानून द्वारा काश्तकारों को गलत ढंग से जमीन से बेदखल करने पर रोक  लगा दी गई। 
  • दिसम्बर,1885 ईस्वी में बम्बई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना स्थापना हुई। 

लॉर्ड लैंसडाउन (1888-94 ई0)

  • इसके काल में मणिपुर तथा कश्मीर में अंग्रेजों ने हस्तक्षेप किया। 
  • द्वितीय फैक्ट्री एक्ट लागू किया गया जिसमें मजदूरों हेतु सप्ताह में एक दिन छुट्टी देने का प्रावधान किया गया। 
  • मैरिज एक्ट के तहत लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 10 वर्ष से बढ़कर 12 वर्ष कर दी गई। 
  • 1892 ईस्वी में भारत परिषद अधिनियम लागू हुआ। 

लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-99 ई0)

  • इसके काल में 1896 ईस्वी में व्यापक स्तर पर अकाल पड़ा तथा प्लेग महामारी फैली। 

लॉर्ड कर्जन (1899-1905 ई0)

  • लॉर्ड कर्जन भारत का सबसे अलोकप्रिय वायसराय था। 
  • उसने 1902 ईस्वी में एक विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया तथा 1904 में "भारतीय विश्वविद्यालय कानून" बनाया। 
  • 1905 ईस्वी में ही एक "अकाल आयोग" का गठन किया गया। 
  • सन 1901 ईस्वी में सर कोलिन स्टॉक मानक्रीफ के नेतृत्व में एक "सिंचाई आयोग "का गठन किया गया। झेलम नहर का निर्माण संपन्न हुआ। 
  • कृषि विभाग का गठन किया गया। भारत की मुद्रा को स्वर्ण मानक के अंदर शामिल कर लिया गया। 
  • सेना की एक कठिन जांच परीक्षा "किचनर जांच परीक्षा" आरंभ हुई। 
  • सन 1899 ईस्वी में "कोलकाता नगर निगम कानून" द्वारा निगम में निर्वाचित सदस्यों की संख्या में कटौती की गई। 
  • 1904 में  प्राचीन स्मारक कानून पारित हुआ। 
  • कर्जन का सबसे विवादास्पद कार्य था -1905 ईस्वी में बंगाल का विभाजन करना। इसका प्रबल विरोध हुआ तथा स्वदेशी आंदोलन आरंभ हो गया। 
  • इसके काल में एक नए उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत का गठन किया गया। 

 लॉर्ड हार्डिंग (1910-16 ई0)

  • 1911 ईस्वी में सम्राट जार्ज पंचम के सम्मान में दिल्ली में अभिषेक दरबार का आयोजन हुआ। 
  • इसी के काल में 1914 ई0 से प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हुआ। 
  • मदन मोहन मालवीय ने "बनारस हिंदू विश्वविद्यालय" की स्थापना की।

 लॉर्ड  चेम्सफोर्ड (1916-21 ई0)

  • भारतीय सचिव लॉर्ड मांटेग्यू ने 20 अगस्त 1917 ई को राजनीतिक सुधारो से संबंधित घोषणा की। 
  • 1910 में एक दमनकारी कानून "रोलेट कानून" का निर्माण किया गया। 
  • 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। 
  • मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अथवा भारत सरकार अधिनियम 1919 -1922 लागू हुआ। 

लॉर्ड रीडिंग (1921-26 ई0)

  • 1921 ईस्वी में वेल्स के राजकुमार का भारत भ्रमण हुआ जिसका बहिष्कार किया गया। 
  • सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन (असहयोग आंदोलन) आरंभ हुआ। 
  • चौरी-चौरा में 22 पुलिसकर्मियों की जलाकर हत्या कर देने के बाद, गांधी जी द्वारा आंदोलन वापस ले लिया गया। गांधी जी को 6 वर्ष के कारावास की सजा हुई। 
  • दिसंबर 1922 ईस्वी में देशबंधु चितरंजन दास की अध्यक्षता में कांग्रेस खिलाफत "स्वराज पार्टी" (कांग्रेस के अधीन) की स्थापना। 
  • 5 फरवरी 1924 ईस्वी में गांधीजी जेल से रिहा किए गए। 

लॉर्ड इरविन (1926-31 ई0)

  • "साइमन कमीशन" का भारत आगमन। 
  • द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन, मार्च 1930 से आरंभ हुआ। 
  • लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन संपन्न हुआ परंतु कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया। 
  • 1931 ईस्वी में गांधी-इरविन समझौता संपन्न हुआ। 
  • वर्ष 1929 में बाल विवाह से संबंधित "शारदा एक्ट" पारित हुआ।

लॉर्ड वेलिंगटन (1931-36 ई0)

  • द्वितीय गोलमेज सम्मेलन संपन्न हुआ और कांग्रेस ने इसमें भाग लिया। 
  • 1932 ईस्वी में सांप्रदायिक अधिनियम आए तथा पूने समझौता संपन्न हुआ। 
  • तृतीय गोलमेज की संपन्न हुआ। 
  • 1934 ईस्वी में बिहार में एक बड़ा भूकंप आया। 
  • 1935 ईस्वी में "भारत सरकार अधिनियम" 1935 बना। 

 लॉर्ड लिनलिथगो (1936-43 ई0)

  • 1937 ईस्वी में सात प्रांतो में नई कांग्रेस सरकारों की स्थापना हुई। 
  • 1939 ईस्वी में द्वितीय विश्व युद्ध आरंभ हुआ। इसी वर्ष कांग्रेस मंत्रीमंडलों ने सामूहिक त्यागपत्र दे दिया। 
  • 1942 ईस्वी में क्रिप्स मिशन भारत आया। 
  • 8 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन हुआ। 

  लॉर्ड  वेवेल (1943-47 ई0)

  • 1945 ईस्वी में राजनीतिक समाधान के लिए शिमला सम्मेलन का आयोजन हुआ। 
  • 1946 ईस्वी में कैबिनेट मिशन भारत आया। 
  • 1946 ईस्वी में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में अंतरिम भारत सरकार का गठन हुआ।

लॉर्ड माउंटबेटन (मार्च 1947-जून 1948 ई0)

  • 1947 ईस्वी में भारत स्वतंत्रता अधिनियम पारित हुआ। भारत का विभाजन हुआ। 
  • माउंटबेटन अंतिम ब्रिटिश वायसराय एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने। 

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